Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। भगवान कृष्ण की नगरी में यमुना महारानी का एक अनूठा स्थान है। लेकिन बरसों से महारानी में प्रदूषण से भक्तों की आस्था द्रवित होती रही है, हालांकि इसे लेकर संत महात्माओं समाजसेवी संस्थाओं और यमुना भक्तों द्वारा विभिन्न जन आंदोलनों आदि के माध्यम से प्रयास किए जाते रहे। फल इतना निकला है कि जनता की कमाई का हजारों करोड़ रूपया यमुना महारानी की कायाकल्प के नाम पर खर्च हो गया, लेकिन महारानी की दशा जस की तस बनी हुई है। एक बार फिर यमुना भक्तों के दिल की टीस बाहर निकल कर आई है और यमुना भक्तों की संस्था ब्रज भक्त मंडल ने एक बार फिर यमुना महारानी की कायाकल्प कर पूरी तरह कल कल बहने वाली स्थिति में लाने के लिए प्रयास करने का बीड़ा उठाया है।
चौरासी कोस के पौराणिक स्वरूप को बचा कर रखना हम ब्रज वासियों का दायित्व है
इसी क्रम में संस्था द्वारा स्थानीय धर्मशाला में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया वार्ता में जानकारी देते हुए सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता व समाजसेवी यामिनी रमण आचार्य ने बताया कि संस्था द्वारा यमुना भक्तों की भावनाओं को देखते हुए यमुना लाओ अभियान एक संवैधानिक मिशन तैयार किया गया है। जिसके तहत इसे लेकर जन जन की आवाज के साथ देश के सर्वोच्च न्यायालय तक पूरे प्रयास किए जाएंगे मिशन के राष्ट्रीय संयोजक विपिन लड्डू चतुर्वेदी ने बताया कि पूरे चौरासी कोस के पौराणिक स्वरूप को बचा कर रखना हम ब्रज वासियों का दायित्व है संस्था के संरक्षक मदन मोहन श्रीवास्तव व बनवारी लाल अग्रवाल एवं मूलचंद गर्ग, योगेश चतुर्वेदी इन सभी ने कहा कि मां जमुना रानी ब्रज वासियों के साथ देश विदेश के अनेकों भक्तों की आस्था का प्रतीक है और प्रदूषण मुक्ति के लिए सार्थक प्रयास आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश को मिलने वाला उसके हिस्से का पानी हमें क्यों नहीं मिल पा रहा है
वक्ताओं ने कहा इस अभियान की सफलता के लिए जन जन का मीडिया सभी का सहयोग आवश्यक है संस्थापक अध्यक्ष मुकेश बालकृष्ण चतुर्वेदी ने बताया इस अभियान की सफलता के लिए कई चरणों में आव्हान प्रस्तावित है इसके लिए जरूरत के अनुसार जिला नगर वह वार्ड स्तर पर यमुना भक्त टीम का गठन किया जाएगा जिनके माध्यम से जन जागरण अभियान चलेगा इसमें बोस कार्ड चलाओ अभियान जैसे अनेकों अभियान शामिल है 3 महीने के बाद संस्था एक कार्यक्रम आयोजित करेगी जिसमें संस्था द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा व अगले कार्यक्रम की दिशा दशा निर्धारित की जाएगी। श्री चतुर्वेदी ने कहा बात केवल इतनी है कि हरियाणा से हथिनीकुंड होकर उत्तर प्रदेश को मिलने वाला उसके हिस्से का पानी हमें क्यों नहीं मिल पा रहा है। जबकि अब केंद्र और उत्तर प्रदेश में एक ही दल की सरकार हैं और हरियाणा में भी इनकी ही सरकार है तो समस्या कैसे हो सकती है। हम प्रयास करेंगे कि उच्च स्तर पर संबंधित राज्यों और केंद्र के बीच इसे लेकर पुनः वार्ता हो। इसके साथ-साथ हम देश की सर्वोच्च अदालत में भी इसे लेकर अपनी व्यक्तिगत याचिका दायर करेंगे हमें भरोसा है कि यमुना भक्तों को निश्चित रूप से न्याय मिलेगा।
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