आगरा: अपने ही विभाग की तानाशाही और अड़ियल रवैये के चलते ऑन ड्यूटी एक्सीडेंट में घायल हुए कर्मचारी अपने वेतन के लिए दर दर भटक रहा है लेकिन उसकी समस्या का समाधान नही हो पा रहा है।। चार महीने में भी सैलरी न मिलने से पैर से लाचार रेलवे कर्मचारी गूंगे बहरे अधिकारियों के कानों तक अपना दर्द पहुंचाने के लिए अपनी पत्नी के साथ आगरा रेल मंडल पहुंचा और मंडल कार्यालय के बाहर ही पत्नी के साथ धरने पर बैठ गया कर्मचारियों को पत्नी के साथ धरने पर बैठा दे वहां मौजूद रेलवे कर्मचारी उसकी समस्या जाने का प्रयास करते हुए नजर आए लाचार रेलवे कर्मचारी सबको अपना दर्द तो बता रहा था लेकिन अधिकारियों को भी कस रहा था उनका कहना था कि ऑन ड्यूटी एक्सीडेंट होने पर भी उसे सैलरी के लिए घुमाया जा रहा है।
28 जुलाई 2023 को ऑन ड्यूटी हुआ एक्सीडेंट:-
आगरा रेल मंडल कार्यालय पर धरने पर बैठे इस कर्मचारी का नाम बालकिशन है यह आगरा रेल मंडल के बाद स्टेशन पर ट्रैकमैन 2 है। रेल कर्मचारी बालकिशन ने बताया कि 28 जुलाई को उन्हें एसएसई संजीव पाठक ने मथुरा बुलाया था। वह ऑटो से मथुरा के लिए जा रहे थे तभी रास्ते में एक इको ने ऑटो को टक्कर मार दी। इसी दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हुई थी। बस वह किसी भी तरीके से बच गए। उनके पैर में जहां रौड़ पड़ी हुई है, तो वही कंधे में 20 टांके आए हुए हैं। इस संबंध में उन्होंने अपने अधिकारियों को सूचना दी और संबंधित विभागीय कार्रवाई करवाने के लिए भी कहा अधिकारी भी उन्हें अस्वस्थ करते रहे कि आपका मेडिकल से लेकर सैलरी तक के सभी विभागीय कार्रवाई पूरी हो गई है आपको मुआवजे के साथ-साथ सैलरी भी मिल जाएगी लेकिन जब वह अपने कार्यालय पहुंचे हकीकत कुछ अलग ही निकली।
उच्च अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं कि अब वेतन के लिए भटक रहा हूं:-
पीड़ित ने कहा कि SSE ने उनके विनम्र अनुरोध एवं याचना को तवज्जो नहीं दी। पिछले चार माह से वह और उनका परिवार इस परेशानी जूझ रहा है, जहां बच्चों के स्कूल की फीस अदा नहीं हुई है वही घर के खर्चे के लाले पड़ गए हैं। आज उन्हें मजबूरन आगरा मंडलीय कार्यालय में आना पड़ा है और अपनी पत्नी के साथ धरना देना पड़ रहा है।
समस्या का समाधान नहीं तो जंतर मंतर पर दूंगा धरना:-
पीड़ित रेल कर्मचारियों ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर आगरा रेल मंडल कार्यालय में आकर भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह मजबूरन विभाग के खिलाफ जंतर मंतर पर धरना देने को मजबूर हो जाएंगे लेकिन अपना हक लेकर रहेंगे यहां पर मेरी समस्याओ का समाधान नहीं हुआ तो वह जंतर मंतर पर धरना देने को मजबूर होंगे।
रिपोर्टर -सतेंद्र कुमार
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