आगरा: वैदिक सूत्रम चेयरमैन विश्वविख्यात एस्ट्रोलॉजर पं. प्रमोद गौतम ने मीडिया से बातचीत में नववर्ष में 01अप्रैल 2025 से लेकर 16 अप्रैल 2030 तक के आध्यात्मिक रहस्यमयी तथ्यों के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि नववर्ष 2025 के शुरुआत में ही सम्पूर्ण विश्व के अनेक देशों में हाहाकार मचा हुआ है चाहे वो अमरीका हो, जिसमें बर्फीले मौसम जनवरी माह में भी जंगल की आग क्यों न हो, ये सब प्राकृतिक आपदाएं हैं, जिन पर किसी का वश नहीं है, चाहे पाकिस्तान में हिंसा की खबरें हों, चाहे वो रूस-यूक्रेन में वर्ष 2022 से चल रहे भीषण युद्ध में 10 लाख से अधिक मारे गए लोग हों, चाहे वो ईरान, इराक, इजरायल, एवं यमन में हो रहा हाहाकार हो।
एस्ट्रोलॉजर पं प्रमोद गौतम ने बताया कि नववर्ष 2025 से ब्रह्मांड में ग्रहों की चाल आने वाले पांच वर्षों में युग परिवर्तन की तरफ अग्रसर होगी, कुल मिलाकर हम यह समझ सकते हैं कि नववर्ष 2025 में 01 अप्रैल 2025 से लेकर 16 अप्रैल 2030 तक भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में विभिन्न धर्मों के सिद्ध धार्मिक स्थलों की दिव्य अलौकिक शक्तियां अपना दिव्य आशीर्वाद देने में सक्षम नहीं हो पाएंगी, क्योंकि सम्पूर्ण विश्व में अपने अपने धर्म की सर्वोच्चता साबित करने के लिए विभिन्न धर्मों के लोग धार्मिक कट्टरता की तरफ अग्रसर होंगे, जिससे सम्पूर्ण विश्व में अराजकता का माहौल उत्पन्न होगा। नववर्ष 2025 में देश एवं दुनिया के संदर्भ में ग्रहोंनुसार हम यह समझ सकते हैं कि अप्रैल 2025 से लेकर 2027 तक की अवधि में विश्व महाप्रलय के संकेतों में सर्वप्रथम संभावित तीसरा विश्व युद्ध है, जो कि परमाणु युद्ध का रूप भी ले सकता है, और दूसरा ग्लोबल वार्मिंग की वजह से जलवायु परिवर्तन के द्वारा प्राकृतिक आपदाएं, महामारियां, जल संकट और जल प्रलय, दोनों ही विश्व के अनेक देशों में उथलपुथल मचा सकती हैं। क्योंकि ब्रह्मांड के न्यायाधीश शनि देव 30 मार्च 2025 से 12 राशियों के चक्र में आखिरी राशि जल तत्व की मीन राशि पर ढाई वर्षों के लिए 01 जून 2027 तक विराजमान रहेंगे, जो कि प्राकृतिक आपदाओं के द्वारा जन, धन की हानि की ओर प्रबल रूप से इशारा करता है।
02 जून 2027 से ब्रह्मांड के न्यायाधीश शनि गोचर में राशि परिवर्तन के दौरान अपनी नीच मंगल की राशि मेष में लगभग ढाई वर्षों के लिए विराजमान हो जाएंगे, वैदिक हिन्दू ज्योतिष में मंगल और शनि एक दूसरे के जानी दुश्मन हैं, मंगल को युद्ध का देवता कहा जाता है और शनि को आम जनता का कारक ग्रह, जब ब्रह्मांड में शनि 02 जून 2027 को ढाई वर्षों के लिए अपनी नीच राशि मेष में विराजमान होंगे, तब महायुद्ध होने की संभावना सबसे प्रबल होती है, जिसमें जन धन की हानि इतनी अधिक होती है कि उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। कुल मिलाकर नववर्ष 2025 में बड़े ग्रहों की गोचरीय परिवर्तित ग्रह चाल विध्वंसक है। इसलिए वर्तमान में हमें ईश्वर के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित होने की प्रबल आवश्यकता है, क्योंकि वर्ष 2030 तक सम्पूर्ण विश्व में बहुत कुछ परिवर्तन होगा, उसकी छोटी सी झलक हम सम्पूर्ण विश्व में मार्च 2020 से लेकर वर्ष 2021 के अंत तक कोरोना काल की अवधि में देख चुके हैं। जिसमें 70 लाख से अधिक लोग अकाल मृत्यु की भेंट चढ़ गए थे, और जिसमें दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमरीका में सबसे अधिक 11 लाख लोगों की अकाल मृत्यु कोरोना वायरस की चपेट में आने से हुई थी, भारत में भी 6 लाख लोग कोरोना वायरस की चपेट में आकर अकाल मृत्यु में मारे गए थे।
एस्ट्रोलॉजर पं प्रमोद गौतम ने बताया कि नववर्ष 2025 में अप्रैल 2025 से लेकर 2027 तक, क्या महाप्रलय के मुहाने पर खड़ी है दुनिया? कुल मिलाकर वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व के संदर्भ में यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है,अगर तीसरा विश्वयुद्ध हुआ तो क्या होगा, क्योंकि वर्तमान में सम्पूर्ण मिडिल ईस्ट बदले की आग में जल रहा है, दूसरी तरफ रूस और यूक्रेन का भीषण युद्ध फरवरी 2022 से लगातार अब तक जारी है, जिसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पूरी तरह से जिम्मेदार हैं, अब देखते हैं अमेरिका में 20 जनवरी 2025 को पुनः सत्ता संभालने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूस-यूक्रेन युद्ध में क्या भूमिका होगी, यदि वो 2025 में रूस यूक्रेन के मध्य वर्तमान में चल रहे भीषण युद्ध में अपनी कूटनीति से शांति समझौता कराने में यदि सफल हुए तो संभव है, तीसरा विश्व युद्ध टल जाए, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप के वर्तमान स्टार्स 15 मई 2025 तक काफी अनुकूल हैं, नववर्ष 2025 में अप्रैल 2025 से उन पर शनि ग्रह का ढाई वर्ष का नकारात्मक प्रभाव भी खत्म होने जा रहा है, और दूसरी तरफ ब्रह्मांड के अति शुभ ग्रह देवगुरु बृहस्पति ग्रह की गोचर में उनकी वास्तविक जन्म राशि वृश्चिक पर 01 मई 2024 से लेकर 15 मई 2025 तक सम्पूर्ण कृपा है। जिसके परिणाम स्वरूप वो अमरीका के पुनः राष्ट्रपति बनने में सफल हुए।
कुल मिलाकर 15 मई 2025 तक अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस यूक्रेन के वर्तमान युद्ध में यदि शांति समझौता कराने में सफल हुए तो तीसरा विश्व युद्ध की महाप्रलय का खतरा वर्तमान में टल जाएगा, क्योंकि 15 मई 2025 के बाद एक वर्ष तक, 01 जून 2026 तक डोनाल्ड ट्रंप पर सद्बुद्धि के कारक ब्रह्मांड के अति शुभ ग्रह देवगुरू बृहस्पति का आशीर्वाद डोनाल्ड ट्रंप की वास्तविक राशि वृश्चिक पर से हट जाएगा, जिसके परिणाम स्वरूप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा 16 मई 2025 से 01 जून 2026 की तक अर्थात एक वर्ष की अवधि के दौरान गलत निर्णयों के कारण सम्पूर्ण विश्व में स्थिति विध्वंसक हो सकती है।
स्वतंत्र भारत की कर्क राशि और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की वास्तविक वृश्चिक राशि से सद्बुद्धि के कारक देवगुरु बृहस्पति की स्थिति गोचरीय चाल में अशुभ भाव में रहेगी, जो कि प्रधानमंत्री मोदी जी और भारत देश के लिए एक चुनौतीपूर्ण विपरीत परिस्थितियों भरा समय होगा, क्योंकि भाजपा वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में स्पष्ट जनादेश के साथ सत्ता में नहीं आई है, सहयोगी दलों की ऊपर एनडीए की वर्तमान की केंद्र सरकार चल रही है। इसलिए केंद्र की एनडीए सरकार को विशेषकर 15 मई 2025 से लेकर 01 जून 2026 तक की अवधि में महत्वपूर्ण निर्णयों को सोच समझकर गहराई से अवलोकन के बाद निष्पक्षता के साथ 15 मई 2025 के बाद एक वर्ष तक लेने की जरूरत है।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पं. गौतम ने बताया कि वर्तमान में दुनिया महाप्रलय के मुहाने की ओर बढ़ती जा रही है, कहीं वजूद बचाने का संघर्ष है, तो कहीं बदले की लड़ाई, कहीं ताकत का गुरूर है, तो कहीं सरहदें बचाने की कोशिश, इन सब के बीच कई ऐसे देश भी हैं जो बारूदी तपिश में हाथ सेकने की कोशिश में जुटे हैं। कुल मिलाकर देखा जाए, तो वर्तमान में महायुद्ध के लिए बिसात बिछती नजर आ रही है, साथ ही विश्वयुद्ध के मोहरे भी महाप्रलय का दाव चलने के लिए बेकरार नजर आ रहे हैं, अगर तीसरा विश्वयुद्ध होता है, तो धरती का क्या होगा, वर्तमान में ये एक गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव सम्पूर्ण विश्व में घटित होगा, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है।
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