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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. “बचपन में गौरैया हमारे परिवार की सदस्य जैसी थी। वह घरों में निडर होकर घोंसला बनाती थी, कमरों में फुदकती थी, और बच्चों को अपनी चोंच से दाना खिलाती थी। हम इस दृश्य को देखकर आनंदित होते थे। त्योहारों में भी उसकी सहभागिता होती थी—हम उसे रंग लगाते थे, खेलते थे और फिर प्रेमपूर्वक छोड़ देते थे। लेकिन आज, यह नन्ही चिड़िया हमारी आँखों से ओझल हो रही है, क्योंकि हमने प्रकृति के साथ अन्याय किया है।”
ये भावपूर्ण विचार आगरा विकास मंच के अध्यक्ष श्री राजकुमार जैन एवं संयोजक सुनील कुमार जैन ने विश्व गौरैया दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।
विश्व गौरैया दिवस की पूर्व संध्या पर आगरा विकास मंच द्वारा आगरा नगर निगम द्वारा स्थान प्रदत्त ‘पक्षी घर’, कोठी मीना बाजार में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर गौरैया और अन्य पक्षियों के लिए घोंसले एवं पानी के बर्तन वितरित किए गए। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने गौरैया संरक्षण के प्रति अपनी संवेदनशीलता और जागरूकता प्रकट की।
विकास की अंधी दौड़ में गौरैया के लिए कोई जगह नहीं
संयोजक सुनील कुमार जैन ने कहा कि, “आधुनिक समाज ने विकास के नाम पर कंक्रीट के जंगल खड़े कर दिए हैं, लेकिन इन ऊँची इमारतों में गौरैया के लिए कोई जगह नहीं बची। हमारी संवेदनहीनता के कारण यह नन्ही चिड़िया विलुप्ति के कगार पर पहुँच चुकी है।”
उन्होंने बताया कि आज से दस वर्ष पूर्व, आगरा विकास मंच के संस्थापक अशोक जैन जी ने लकड़ी के छोटे-छोटे घोंसले बनवाकर हजारों स्थानों पर लगाए थे। इससे कुछ हद तक गौरैया को संजीवनी मिली, लेकिन संरक्षण का कार्य अधूरा है।
“यह आवश्यक है कि हर घर में, हर मोहल्ले में गौरैया के लिए एक सुरक्षित स्थान हो।”
उन्होंने घोषणा की कि आगरा विकास मंच अगले एक माह तक गौरैया संरक्षण अभियान चलाएगा, जिसमें अधिक से अधिक घोंसले लगाए जाएंगे और गौरैया के प्रजनन को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराने पर जोर दिया जाएगा।

गौरैया संरक्षण केवल एक जिम्मेदारी नहीं, नैतिक कर्तव्य भी
अध्यक्ष राजकुमार जैन ने कहा, “गौरैया केवल एक पक्षी नहीं, बल्कि पर्यावरण के संतुलन का प्रतीक है। यदि हम इसे बचाने में असफल हुए, तो यह हमारे पर्यावरणीय असंतुलन का जीवंत प्रमाण बन जाएगी।”
उन्होंने आगरा के नागरिकों से अपील की कि गौरैया बचाने के प्रति सभी सचेत हों।
“आगरा विकास मंच ने ‘पक्षी घर’ में एक विशेष पक्षी चिकित्सालय बनाने की योजना बनाई है, ताकि घायल पक्षियों का उपचार किया जा सके। यदि कोई भी व्यक्ति घायल पक्षी को देखे, तो उसे यहाँ पहुँचाए। बिना आपके सहयोग के यह कार्य संभव नहीं है।”
‘पक्षी घर’: 3000 पक्षियों का सुरक्षित आश्रय
आगरा विकास मंच के संयोजक सुनील कुमार जैन ने बताया कि आगरा नगर निगम द्वारा प्रदान किए गए ‘पक्षी घर’ में एक पक्षी चिकित्सालय स्थापित किया जा रहा है, जहाँ घायल पक्षियों का समुचित उपचार होगा।
- इस पक्षी घर में 3000 पक्षी निवास कर सकते हैं और प्रतिदिन हजारों की संख्या में पक्षी यहाँ आते हैं।
- हर दिन 10 किलो दाना पक्षियों के लिए डाला जाता है।
- इस पक्षी चिकित्सालय के माध्यम से घायल पक्षियों को संजीवनी प्रदान की जाएगी।
जनसहयोग से ही गौरैया संरक्षण संभव
आगरा विकास मंच के राजकुमार जैन और सुनील कुमार जैन ने अपील की कि—
✔ कोई भी व्यक्ति मुफ्त में घोंसला और पानी का बर्तन प्राप्त कर सकता है।
✔ हर घर में एक घोंसला लगाने और नियमित पानी व दाना रखने से गौरैया की संख्या में वृद्धि संभव है।
प्रसिद्ध पशु चिकित्सक डॉ. यतेन्द्र गौतम ने कहा, “गौरैया को बचाने के लिए हमें ‘जियो और जीने दो’ का सिद्धांत अपनाना होगा। समाज की छोटी-छोटी पहलें इस विलुप्त होती चिड़िया को फिर से हमारे आंगन में ला सकती हैं।”
उन्होंने बताया कि यह चिकित्सालय शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।
गौरैया बचाना मानवता की सेवा के समान
मंच के सदस्य महेंद्र जैन ने कहा, “यदि आपने एक गौरैया को बचाया, तो यह जीवन की बड़ी उपलब्धि होगी।” उन्होंने इस अवसर पर एक सुंदर भजन भी प्रस्तुत किया।
मंच के महामंत्री सुशील जैन ने कहा, “गौरैया संरक्षण केवल जागरूकता बढ़ाने का प्रयास नहीं, बल्कि ठोस कार्ययोजना पर अमल करने की प्रतिबद्धता है।”
इस अवसर पर डॉ. अरुण जैन, महेंद्र जैन, डॉ. विजय कत्याल, विजय सेठिया, कमलचंद जैन, राकेश जैन, रविंद्र अग्रवाल, प्रदीप तिवारी, रोबिन जैन, शैलेश शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
गौरैया संरक्षण: एक नई चेतना की शुरुआत
इस आयोजन से गौरैया संरक्षण अभियान को नई गति मिली है और जागरूकता पूरे शहर में फैल रही है।
“गौरैया केवल एक पक्षी नहीं, बल्कि प्रकृति का संदेशवाहक है। इसे बचाना हमारा नैतिक और सामाजिक कर्तव्य है।”
आगरा विकास मंच का यह प्रयास निश्चित रूप से गौरैया को पुनः हमारे घरों का सदस्य बनाने में सहायक होगा।
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