नेशनल चैम्बर आगरा की बड़ी पहल, विकास के नए द्वार खोलने की तैयारी, आगरा को चाहिए ‘स्पेशल स्टेटस’, SEZ, IT सिटी और फिल्म यूनिवर्सिटी, पढिए और क्या

PRESS RELEASE

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. जब कोई संस्था अपने मूल उद्देश्यों को यथार्थ में परिणत करने की दिशा में संगठित, सशक्त और संवेदनशील होकर आगे बढ़ती है, तब उसके नेतृत्व की भूमिका केवल प्रशासनिक नहीं, प्रेरणात्मक भी हो जाती है। नेशनल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के अध्यक्ष संजय गोयल ऐसे ही नेतृत्वकर्ता हैं, जिन्होंने संवाद, सहभागिता और समाधान को कार्यशैली का मूलमंत्र बनाकर संस्था को एक नये युग में प्रवेश कराया है। नेशनल चैम्बर के अध्यक्ष संजय गोयल, उपाध्यक्ष द्वय संजय कुमार गोयल, विवेक जैन, कोषाध्यक्ष संजय अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, जनसंपर्क एवं समन्वय प्रकोष्ठ के चेयरमैन मनीष अग्रवाल ने पत्रकारों के साथ 100 दिन की उपलब्धियों का विवरण साझा किया। हर बिंदु पर विस्तार से जानकारी दी। पता चला कि नेशनल चैम्बर आगरा को औद्योगिक ही नहीं, हर दृष्टि से नये युग में प्रवेश दिलाने के लिए आतुर है। तभी तो आगरा के पेठा और जूता के अलावा ब्रश और जूता उद्योग को भी ओपीओडी (एक जनपद एक उत्पाद) योजना में शामिल कराने के लिए जान लड़ा रहा है।

 दूरदृष्टि और दृढ़ निश्चय का मेल

100 दिन में 100 सदस्य जोड़ने का लक्ष्य कोई साधारण प्रशासनिक योजना नहीं थी, यह उद्यमियों के विश्वास की कसौटी थी। जब शुल्क में वृद्धि के बाद भी सदस्यता में बढ़ोतरी हुई, तो यह स्पष्ट हो गया कि संजय गोयल का नेतृत्व व्यापारिक समुदाय के लिए भरोसे और भविष्य की गारंटी बन चुका है।

 हर स्तर पर भागीदारी और संवाद

चाहे वह महामहिम राज्यपाल से राजभवन में चैम्बर की प्रतिष्ठा के अनुरूप आमंत्रण हो, या फिर रेलवे, अग्निशमन विभाग, डीसीपी ट्रैफिक, पर्यावरण, उद्योग विभाग, वाणिज्य मंत्री, स्वास्थ्य संस्थान या फिर किसान से जुड़े बीज विक्रेता—हर स्तर पर प्रतिनिधिमंडल के संवाद ने यह स्पष्ट किया कि चैम्बर अब केवल शिकायतें नहीं करता, बल्कि समाधान भी लेकर आता है।

 महिला, पर्यावरण और तकनीक के लिए प्रतिबद्ध

महिला उद्यमियों के लिए एआई आधारित सेमिनार, वृक्षारोपण मिशन, सड़क सुरक्षा जैसे विषयों पर चैम्बर की सक्रियता यह दर्शाती है कि संस्था केवल उद्योग तक सीमित नहीं, सामाजिक उत्तरदायित्व भी समझती है। श्री गोयल ने पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन जैसे कीठम झील और चंबल सफारी के विकास में भी अपनी भूमिका सुनिश्चित की।

 भविष्य की नींव: शिक्षा, मीडिया, आईटी

विधि विश्वविद्यालय, आईटी सिटी, फिल्म एंड मीडिया विश्वविद्यालय, सामुदायिक रेडियो, जैसे प्रस्तावों से यह स्पष्ट है कि अध्यक्ष संजय गोयल केवल वर्तमान के समाधानकर्ता नहीं, भविष्यदृष्टा योजनाकार  भी हैं। ये प्रयास आगरा को केवल औद्योगिक नहीं, शैक्षिक, सांस्कृतिक और तकनीकी हब में बदल सकते हैं।

 उद्योग नीति पर गहरी पकड़

बीआईएस लैब, जीएसटी युक्तिकरण, ओडीओपी में नए उद्योगों की मांग, स्पेशल इकनोमिक जोन की वकालत और पोर्टल संबंधी तकनीकी समस्याओं को राज्य और केंद्र स्तर तक पहुंचाकर चैम्बर ने स्पष्ट कर दिया है कि यह संस्था अब नीति निर्माण की प्रक्रिया में भी एक प्रभावशाली भागीदार बन चुकी है।

जनता से जुड़ाव और प्रशासन से समन्वय

हर छोटा-बड़ा मुद्दा—ट्रैफिक सिग्नल के समय से लेकर गोल्फ कार्ट की सुविधा, रेडियो शिक्षा से लेकर दवाइयों की किल्लत, पुलों के चौड़ीकरण से लेकर औद्योगिक भूखंडों की मांग—इन सभी में चैम्बर की भूमिका जागरूक नागरिकता और प्रभावशाली संस्थागत नेतृत्व  का अद्भुत संगम रही।

लोकाभिमुख और समाधान-केंद्रित आयाम

कह सकते हैं संजय गोयल केवल चैम्बर के अध्यक्ष ही नहीं, आगरा के व्यापारिक, औद्योगिक और सामाजिक स्वाभिमान के प्रतीक बनकर उभरे हैं। उन्होंने नेतृत्व को एक संवादात्मक, लोकाभिमुख और समाधान-केंद्रित आयाम दिया है।

अगले दशक की चुनौतियों के लिए तैयार

जहाँ संवाद नये रास्ते खोलता है, वहीं उनका निरंतर सक्रिय और दूरदर्शी दृष्टिकोण  चैम्बर को अगले दशक की चुनौतियों के लिए तैयार कर रहा है। आज जब आगरा में उद्योग, व्यापार, शिक्षा और संस्कृति के पुनरुत्थान की बात होती है, तो उसके मूल में चैम्बर की कार्यदक्षता और श्री संजय गोयल की भूमिका स्पष्ट रूप से उभरती है। उनका नेतृत्व उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो संस्था के माध्यम से समाज और भविष्य दोनों को आकार देना चाहते हैं।

जब संकल्प पथदर्शक बन जाए

चैम्बर ने अपने 100 दिन के वर्तमान कार्यकाल में न केवल औद्योगिक और व्यापारी हितों को प्राथमिकता दी है, बल्कि सामाजिक, शैक्षिक, पर्यावरणीय और जनसुरक्षा विषयों में भी सक्रिय नेतृत्व दिखाया है। अध्यक्ष श्री संजय गोयल के कुशल मार्गदर्शन में यह संस्था निर्णय‑केंद्रित संवाद की नई मिसाल बनकर उभरी है। प्रेसवार्ता में 29 प्रमुख बिंदुओं के बारे में जानकारी दी गई।

  1. 100-दिनों में 100 सदस्य का लक्ष्य
  • सदस्यता शुल्क ₹5,000 वृद्धि करने के बावजूद, नए सदस्यों की संख्या में निरंतर वृद्धि। 70 सदस्य बने हैं। पहले सदस्यता शुल्क 10,000 रुपये था ज बढ़ाकर 15,000 रुपये किया गया है।
    • यह व्यवसायियों में चैम्बर के प्रति गहन विश्वास और विश्वास की मिसाल है।
  1. राजभवन लखनऊ में शिष्टाचारिक भेंट
  • महामहिम राजभुवन, श्रीमती आनंदीबेन पटेल से विशेष भेट।
    • चैम्बर ने 77वें स्थापना दिवस में उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया।
  1. अग्निशमन विभाग से संवाद
  • श्री आदित्य मिश्रा, महानिदेशक अग्निशमन, से प्रथमवार भेंट।
    • 15 दिनों में NOC देने का वादा, औद्योगिक क्षेत्रों में 18,000 ली. फायर‑टैंक उपलब्ध कराना, हर माह फायर जागरूकता कार्यक्रम तथा निवेश मित्र पोर्टल‑2 शीघ्र लॉन्च का आश्वासन।
  1. रेलवे विकास और सुविधाएँ
  • मंडल रेल प्रबंधक तेज प्रकाश अग्रवाल से बैठक।
    • आगरा‑मथुरा स्टेशनों का मास्टर प्लान साझा करना, बाउंड्री वॉल निर्माण, वृक्षारोपण, वृद्धों व विकलांगों के लिए गोल्फ‑कार्ट, कुली रेट डिस्प्ले, एवं ईदगाह रेलवे स्टेशन को महत्व देने की मांग पर सहमति।
  1. महिला उद्यमिता 
  • महिला प्रकोष्ठ ने आयोजन किया विस्तृत सेमीनार।
    • मुख्य वक्ता डॉ. तान्या सिंह: “AI सिर्फ जीवन सरल नहीं बनाता, बल्कि व्यवसाय में सफलताएँ भी बढ़ाता है।”
  1. ट्रैफिक सुधार पहल
  • डीजीपी ट्रैफिक, श्री अभिषेक अग्रवाल से समन्वय।
    • हरीपर्वत चौक पर रेड‑लाइट समय 180 से 60 सेकंड; नगर निगम ने रोड पाइप्स री‑लोकेट किए।
    • यमुना किनारा तथा सुल्तानगंज पुलिया पर ट्रैफिककर्मी बढ़ाए; जागरूकता अभियान चलाने का वादा।
  1. औद्योगिक भूखंडों हेतु मंत्री से संवाद
  • औद्योगिक विकास मंत्री, श्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ से भेंट।
    • 1,000 वर्ग मीटर भूखंड CFC भवन हेतु माँगा; दस्तावेज पोर्टल अपलोड में सुधार पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन।
  1. वाणिज्य मंत्री से रणनीतिक बैठक
  • श्री पियूष गोयल को समिति ने प्रस्तुत किया:
    सीमाएँ: 2 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़।
    – आगरा में BIS लैब, समय सीमा विस्तार सहित मांग प्रस्तुत।
    • मंत्री ने 6 महीनों तक कोई कार्यवाही न करने का आदेश जारी किया।
  1. सड़क सुरक्षा चर्चा
  • मुख्य अधिवक्ता के. सी. जैन व न्यूरो सर्जन डॉ. उद्धव बंसल के साथ बैठक।
    • सुझाव: हेलमेट हॉस्पिटल तक पहने रहें, रफ्तार सीमा पर चिंता, अधिकतर दुर्घटनाएँ रात 2–4 बजे में टूटी झपकी की वजह से।
    • अपील: रात 12 के बाद यात्रा से परहेज; दुर्घटना हुई तो चालक को दोषी माना जाए।
  1. चंबल परियोजनाओं की प्रगति
  • डीएफओ चांदनी सिंह से चर्चा: चंबल सफारी हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया; कीठम झील में गोल्फ‑कार्ट और रिसोर्स सेंटर स्वीकृति मिली।
  1. पर्यावरण संरक्षण: वृक्षारोपण अभियान
  • नेशनल चैम्बर द्वारा 10 पार्कों में वृक्षारोपण की घोषणा।
    • अब तक जयपुर हाउस पार्क, विमल वाटिका, कर्मयोगी एन्क्लेव (कमलानगर) में कार्य पूर्ण।
  1. उत्तरी बाईपास संवाद
  • NHAI निदेशक संजय वर्मा से वार्ता: तकनीकी कारणों से बाइपास की शुरुआत में देरी, लेकिन शीघ्र आरंभ की राह पर।
    • दिल्ली से आने वाले भारी वाहनों के मार्ग, प्रकाश, पुलिस व्यवस्था, एम्बुलेंस व मूलभूत सुविधाओं की मांग रखी गई।
  1. स्वास्थ्य जागरूकता संगोष्ठी
  • मैक्स हॉस्पिटल सह कार्यशाला:
    – डॉ. धीरज: आधुनिक तकनीक से हृदयशल्य में कम जोखिम, तेज़ रिकवरी।
    – वरिष्‍ठ फिजिशियन डॉ. दिनेश गोयल: तनाव प्रबंधन, पारिवारिक संवाद और नियमित जांच का महत्व।
    • चैम्बर‑मैक्स के बीच एमओयू प्रारंभ, आवासीय लाभार्थियों के लिए छूट।
  1. कृषि इनपुट्स पर व्यापार सहयोग
  • बीज एवं कीटनाशक विक्रेताओं से बैठक।
    • गुणवत्ता गारंटी, किसान‑हित को प्राथमिकता। विक्रेताओं ने कच्ची आपूर्ति बंद करने का वादा।
  1. लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड: उद्योगों की मांग
  • संयुक्त आयुक्त उद्योग, श्री अनुज कुमार से चर्चा:
    – लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड की प्रक्रिया शुरू करें।
    – ODOP अंतर्गत चांदी व ब्रश व्यवसाय को शामिल करने की मांग;
    – समाधान पोर्टल के तहत 90 दिनों में भुगतान का आश्वासन;
    – कौशल विकास केंद्र पुनः खोलने की माँग;
    – प्राइवेट औद्योगिक पार्क की स्थापना का महत्व रेखांकित।
प्रेसवार्ता में बाएं से मनीष अग्रवाल, विवेक जैन, संजय गोयल, संजय कुमार गोयल, संजय अग्रवाल आदि।
  1. विभागीय अधिकारी से संवाद
  • प्रधान आयकर आयुक्त-1, चीफ कमिश्नर CGST‑SGST, उ.‑प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (क्षेत्रीय प्रबंधक अमित मिश्रा) से नियमित भेंट और व्यापारियों की समस्याओं का समाधान।
  1. शिक्षा हब: विधि विश्वविद्यालय योजना
  • राजभवन और मुख्यमंत्री को पत्र द्वारा आग्रह: आगरा‑मथुरा रोड को शिक्षा हब घोषित करें; विधि विश्वविद्यालय की स्थापना की माँग।
  1. स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन का आह्वान
  • मुख्यमंत्री को पत्र:
    – ताज संरक्षित क्षेत्र के कारण औद्योगिक विनिबंध, नई योजनाएँ बंद हैं।
    – SEZ घोषित होने पर लागत घटेगी, उद्योग पुनर्जीवित होंगे।
  1. IT सिटी स्थापना का आग्रह
  • मुख्यमंत्री एवं IT मंत्री को पत्र: आगरा की फायदे—बेहतर कनेक्टिविटी, सस्ती जमीन, कुशल युवा—से IT City की संभावनाओं को उजागर किया गया।
  1. SN हॉस्पिटल की दवा समस्या
  • दवाइयां नहीं मिलने की समस्या को लखनऊ स्तर पर उठाया गया, समाधान हेतु पहल की गई।
  1. पर्यटन मंत्री को पत्र व सुझाव
  • श्री जयवीर सिंह को मेल:
    – लाइट एंड साउंड शो की विस्तृत स्क्रिप्ट एवं शुल्क में कटौती;
    – चंबल सफारी शीघ्र शुरू;
    – कीठम झील पर वोटिंग की शुरुआत।
  1. फिल्म व मीडिया विश्वविद्यालय प्रस्ताव
  • मुख्यमंत्री को पत्र: आगरा में फिल्मा‑मीडिया सेंटर/विश्वविद्यालय—यहाँ स्टूडियो, डिजिटल कोर्सेज, रोजगार के अवसर।
    • डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय कैंपस को इसका केंद्र बनाने का सुझाव।
  1. कम्युनिटी रेडियो और शिक्षा‑रोजगार
  • मुख्यमंत्री को सुझाव:
    – प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस मॉडल से रेडियो शिक्षा;
    – प्रभावशीलता: कृषि, मौसम, योजना‑सूचना, आदि ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचे।
    • वर्तमान में देश में 532 स्टेशन; सकारात्मक बदलाव और अधिक की संभावना।
  1. हस्तशिल्प पर GST में छूट की माँग
  • भारत सरकार के मंत्री‑समूह GST युक्तिकरण श्री सम्राट चौधरी को पत्र:
    – आगरा की पच्चीकारी (HSN 68159990) पर 12% GST घटाकर 5% की माँग।
    • उद्देश्य: हजारों कारीगरों की आजीविका बचाना।
  • 25. मेण्टेनेंस चार्ज पर जिलाधिकारी द्वारा UP‑CIDA मैनेजर को निर्देश।
  • 26. शास्त्रीपुरम से जल निकासी नाले की समस्या: मण्डलीय उद्योग बन्धु DRM, ADA, नगर निगम, NHAI को समन्वय हेतु निर्देशित।
  • 27. हरीपर्वत पुल चौड़ीकरण: मैट्रो कार्य पूरा होने पPWD को आदेश जारी।
  • 28. देहली गेट–मदिया कटरा RОB चौड़ीकरण: जिलाधिकारी द्वारा आदेश जारी।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh