भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया है कि यूक्रेन संकट की असली वजह क्या है. जयशंकर इस समय फ़्रांस के दौरे पर हैं. पेरिस में एक थिंक टैंक के कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन को लेकर जो मौजूदा स्थिति है, उसकी जड़ें सोवियत संघ के विघटन के बाद की राजनीति, नेटो के विस्तार के साथ-साथ रूस और यूरोप के बीच के संबंधों में भी हैं.
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर की ये टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब एक दिन पहले ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में अलगाववादियों के नियंत्रण वाले दो इलाक़ों को स्वतंत्र क्षेत्र के रूप में मान्यता दे दी है.
कार्यक्रम के दौरान जयशंकर ने कहा कि दुनिया इस समय कई तरह के संकट से गुज़र रही है और ताज़ा घटनाक्रम ने अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए नई चुनौती पैदा कर दी है.
सोमवार को फ़्रांसीसी अख़बार ला फ़िगारो के साथ इंटरव्यू में भी जयशंकर ने यही कहा था कि यूक्रेन की मौजूदा स्थिति पिछले 30 सालों के दौरान परिस्थितियों की एक जटिल शृंखला का नतीजा है और ज़्यादातर देश इसका कूटनीतिक समाधान चाह रहे हैं.
ये पूछे जाने पर कि भारत ने यूक्रेन से लगी सीमा पर रूसी सैनिकों के जमावड़े की निंदा नहीं की है?
इस पर जयशंकर ने कहा, असली सवाल ये है कि क्या आप अच्छा समाधान चाहते हैं या फिर आप अपने रुख़ से ही संतुष्ट हैं?
भारत अन्य देशों के साथ रूस से बात कर सकता है. साथ ही सुरक्षा परिषद के अंदर भी चर्चा कर सकता है और फ़्रांस जैसे देशों की पहल का समर्थन कर सकता है.
भारत ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में कूटनीतिक समाधान की वकालत की थी लेकिन इस पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि भारत ने रूस के क़दम की आलोचना नहीं की है.
-एजेंसियां
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