डॉ. भानु प्रताप सिंह
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Soron, kasganj, Uttar Pradesh, India. एक शब्द तो आपने जरूर सुना होगा- बहुआयामी व्यक्तित्व। यह शब्द डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित का पर्याय है। जी हां, पर्याय है। डॉ. राधा कृष्ण दीक्षित कवि, कथाकार, लेखक, संपादक, ज्योतिषवेत्ता, समाजसेवी, व्याख्याता, कुशल वक्ता, शोधकर्ता, संगठनकर्ता, आकाशवाणी के वार्ताकार, लोकप्रिय, सच्चे शिक्षक, भारतीय संस्कृति के उन्नायक हैं। ऐसे डॉ. राधा कृष्ण दीक्षित को अगर उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान 2023 से सम्मानित किया गया है तो मुझे कोई आश्चर्य नहीं है। सही बात तो यह है कि संस्था का गौरव है कि डॉ. राधा कृष्ण दीक्षित ने उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान ग्रहण किया है। इन दिनों वे केए (पीजी) कॉलेज कासगंज में प्राध्यापक हैं।
ज्योतिष का वैज्ञानिक स्वरूप प्रतिपादित किया
डॉ. राधा कृष्ण दीक्षित की सबसे बड़ी विशेषता है कि उन्होंने ज्योतिष का वैज्ञानिक स्वरूप प्रतिपादित किया है। ज्योतिष के प्रति अगर किसी में वितृष्णा है तो इसका कारण झोलाछाप और धनलोलुप ज्योतिषी हैं। ये सिर्फ अपने लाभ के लिए और व्यक्ति को खुश करने के लिए गलत भविष्यवाणी करते हैं, पूजा-पाठ के नाम पर धनखर्च करने वाले उपाय बताते हैं। डॉ. राधा कृष्ण दीक्षित के लिए ज्योतिष समाजसेवा का साधन है। उनके उपाय अत्यंत सरल और सबकी पहुंच वाले हैं। वे व्यक्ति देखकर नहीं, कुंडली देखकर उपाय बताते हैं।
‘आदितीर्थ: सूकर क्षेत्र’
उन्होंने डॉ. मिथिलेश पांडेय के साथ ‘आदितीर्थ: सूकर क्षेत्र’ पुस्तक की रचना की है। यह अब तक का सूकर क्षेत्र पर किया गया सबसे बड़ा शोधग्रंथ है। तमाम पुराणों, उपनिषदों से तथ्य खोजकर लाए हैं। 412 पृष्ठों की यह पुस्तक कम से कम सूकर क्षेत्र के रहने वालों को अवश्य ही पढ़नी चाहिए।

तुलसीदास जी के जन्म की विवेचना
तुलसीदास जी के जन्म की विवेचना भी उन्होंने की है। यह सिद्ध किया है कि तुलसीदास का जन्म सोरों के निकट हुआ है। उनकी पत्नी रत्नावली का जन्म सूकर क्षेत्र के अंतर्गत बदरिया (बदरिका) ग्राम में पंडित दीनबंधु पाठक के यहां हुआ था। 1567 में गंगा में बाढ़ आई तो यह गांव विलीन हो गया। वर्तमान में यह गांव गंगपुरा में है। उन्होंने सूकरक्षेत्र के प्रमुख कवि तुलसीदास के अलावा रत्नावली, नंददास की रचनाओं पर अनेक शोधपरक पुस्तकें सृजित की हैं।
नदियों के संरक्षण का अभियान चला रहे
जब वे किसी सभा में भाषण करते हैं तो लोग एकाग्रचित्त होकर सुनते रहते हैं। स्वामी विवेकानंद और गंगा पर उनके व्याख्या खासे प्रसिद्ध हुए हैं। उन्हें सुनो तो पता चलता है कि कितना अध्ययन किया है। डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित इन दिनों गंगा समग्र अभियान से जुड़ कर नदियों के संरक्षण के लिए जन जागरण अभियान चला रहे हैं।
उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान 2023 मिला
डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित की इन्हीं उपलब्धियों के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी में विकास दृष्टि संस्था ने साहित्यिक व सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. राधा कृष्ण दीक्षित को उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान 2023 प्रदान किया। इसी कारण उनकी इस समय चर्चा हो रही है।

लखनऊ में कई हस्तियों ने किया सम्मानित
डॉ. हरिओम (आईएएस) प्रमुख सचिव मानवाधिकार लखनऊ, डॉ. राम कृष्ण स्वर्णकार (आईपीएस ) अपर पुलिस महानिदेशक सीबीसीआईडी और उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड, डॉ. अखिलेश मिश्रा (आईएएस), उच्च शिक्षा आयोग विशेष सचिव लखनऊ, डॉ अश्विनी श्रीवास्तव ( एडीआरएम), उत्तर रेलवे लखनऊ, विकास दृष्टि सचिव डॉ. सरला शर्मा, डॉ. शोभा त्रिपाठी, डॉक्टर आरजे सिंह चेयरमैन रजत ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस् लखनऊ, श्रीमती पुष्प लता सिंह प्रबंधक रजत ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस लखनऊ, डॉ. ग्यासुद्दीन खान जॉइंट डायरेक्टर स्टेट मेडिको लीगल सेल लखनऊ, कार्यक्रम संयोजक विपिन शर्मा ने डॉ. राधा कृष्ण दीक्षित को पगड़ी, शॉल और प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया। यह सम्मान लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ के राधा कमल मुखर्जी समाज कार्य विभाग में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किया।
ये हैं खुशी जताने वाले
डॉ. राधा कृष्ण दीक्षित को उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान 2023 मिलने पर डॉ. वीपी माहेश्वरी, डॉ. प्रभाकर पाराशर, डॉ. एनपी सिंह हल्दिया, डॉ. सुरेंद्र अग्रवाल, महेश त्रिवेदी आदि ने हर्ष व्यक्त किया है।

डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित का संक्षिप्त परिचय
जन्मतिथि, 1 मार्च, 1965
पिताः श्री शिवजी दीक्षित
माताः श्रीमती भगवान देवी
जन्म स्थानः सूकरक्षेत्र (सोरों)
जनपद एटा उत्तर प्रदेश
शिक्षा
- एम.ए. (हिन्दी, समाजशास्त्र), पी.एच.डी. (डॉ भीमराव अम्बेडकर, विश्वविद्यालय)
संप्रति
- प्राध्यापक हिन्दी विभाग, के.ए. (पी.जी.) कालेज. कासगंज, एटा
प्रकाशन :
- राहे विश्वास की (काव्यसंग्रह)
- आओ साथ चलें (काव्यसंग्रह)
- स्वातन्त्र्योत्तर हिन्दी उपन्यासों में राष्ट्रवाद
- आदितीर्थ सूकरक्षेत्र (समग्र दृष्टि)
- तुलसी सतसई
- भूषण के काव्य में हिन्दुत्व
- कहानियां, शोध-लेख
सम्पादन :
- मनीषा (हिन्दी पत्रिका)
- हरियश रामायण
- पं. हरिशंकर महेरे: व्यक्तित्व एवं कृतित्व
पुरस्कार
- महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश शासन द्वारा “रसकल्पवारिधि” की उपाधि से सम्मानित
- शिक्षा मन्त्री उ. प्र. सरकार द्व “मानस-मनीषी” उपाधि से सम्मानित
अन्य :
- विभिन्न आकाशवाणी केन्द्रों से वार्ताओं एवं कविताओं का प्रसारण
संपर्कः 09412548974
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