नौवें दीक्षांत समारोह में 1405 विद्यार्थियों को प्रदान की गई डिग्रियां, नौ को स्वर्ण और 10 छात्रों को रजत पदक प्रदान किए गए
808 स्नातक, 322 स्नातकोत्तर, 208 डिप्लोमा, 50 पीजी डिप्लोमा, तीन ब्रिज कोर्स और 14 पीएचडी छात्रों को डिग्रियां
Live Story Time
Aligarh, Uttar Pradesh, India. मंगलायतन विश्वविद्यालय का नौवां दीक्षांत समारोह मंगलवार को मुख्य सभागार में संपन्न हुआ। दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी की महासचिव डा. (श्रीमती) पंकज मित्तल रही। वहीं, मंविवि के कुलाधिपति, प्रख्यात पत्रकार, शिक्षाविद अच्युतानंद मिश्र, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, मंविवि के चेयरमैन हेमंत गोयल और गुरूजी ऋषि राज महाराज भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के सामने दीप जलाकर किया गया। इसके बाद छात्राओं ने कुल गीत की प्रस्तुति दी। कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। समारोह में 1405 विद्यार्थियों को डिग्रीयां, नौ को स्वर्ण व 10 को रजत पदक प्रदान किए गए।
जॉब चाहिए तो कुछ खास करो
मुख्य अतिथि भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव श्रीमती डॉ. पंकज मित्तल ने सभी पदक प्राप्त करने वाले और डिग्री धारकों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज जॉब चाहिए तो कुछ खास करने की आवश्यकता है। प्रश्न का उत्तर याद करने व लिखने का समय चला गया। एनईपी 2020 के बाद शिक्षण पद्धति में काफी परिवर्तन आएगा। शिक्षा ग्रहण करने के लिए कोई उम्र नहीं होती। अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडित सिस्टेम से अब आपको पढ़ने के लिए विद्यालय जाने की जरूरत नहीं है। आपको सिर्फ एक कंप्यूटर व इंटरनेट की आवश्यकता है। आप कहीं भी बैठकर ऑनलाइन कोर्स कर सकते हैं।
शिक्षण पद्धति में भी बदलाव की सलाह
उन्होंने कहा कि भविष्य में भारतीय विश्वविद्यालय में डिग्री के लिए नहीं कोर्स के लिए दाखिले लेंगे। कोर्स में अर्जित किए गए क्रेडिट के आधार पर आपको डिग्री मिलेगी। अब आधुनिक शिक्षा का उद्देश्य डिग्री के साथ ज्ञान भी अर्जित करना होगा। कई देशों में विद्यार्थी घर पर पढ़कर आते हैं और कक्षा में चर्चा करते हैं। यह यहां भी लागू होना चाहिए। उन्होंने समय के साथ शिक्षण पद्धति में भी बदलाव लाने की सलाह दी। उन्होंने अंत में शेर सुनाते हुए कुछ लोग थे जो वक्त के सांचे में ढल गए, कुछ लोग थे जो वक्त के सांचे बदल गए के साथ अपना वक्तव्य समाप्त किया।

मंगलायतन विवि में शिक्षा कक्षा तक सीमित नहीं
कुलाधिपति अच्युतानंद मिश्र ने स्नातकों को बधाई देते हुए कहा कि मंगलायतन विश्वविद्यालय में शिक्षा कक्षा तक सीमित नहीं है। यहां ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास करते हैं जो नवाचार, रचनात्मकता और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा दे। व्यापक पाठ्यक्रम के माध्यम से हम अकादमिक दक्षता विकसित करने के साथ नेतृत्व, संचार और समस्या समाधान जैसे आवश्यक जीवन कौशल भी विकसित करते हैं। हम छात्रों को कौशल के साथ सशक्त बनाकर उन्हें राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में सार्थक योगदान देने के लिए तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इक्कीसवीं शताब्दी शिक्षा संस्थानों को सही दिशा एवं नेतृत्व के लिए देखी जाती है। यह भारत के लिए एक नए अध्याय की तरह है। हम एक विकसित समाज बनने के लिए अग्रसर है।
ज्ञान को विनम्रता के साथ धारण करें
उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि विद्यार्थी काल में आपने जो ज्ञान प्राप्त किया है, उसे अपनाएं, लेकिन यह भी याद रखें कि शिक्षा कक्षा की सीमाओं से बहुत आगे तक फैली हुई है। आजीवन सीखने की भावना को अपनाएं, क्योंकि यह तेजी से बदलती दुनिया में प्रासंगिक बने रहने की कुंजी है। सफलता केवल पेशेवर उपलब्धियों से ही नहीं बल्कि दूसरों के जीवन पर आपके सकारात्मक प्रभाव से भी मापी जाती है। आप एक अपार संभावनाओं वाले विश्व में कदम रख रहे है। आज प्रांगण से विदा लेते समय अपने ज्ञान को इस प्रकार विनम्रता के साथ धारण करें कि समाज के कमजोर लोगों की यथासंभव मदद करेंगे।
पहला निजी विश्वविद्यालय होने पर गर्व
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया और डिग्री प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय का आदर्श वाक्य ‘विश्व ज्ञाने प्रतिष्ठातम’ है जिसका अर्थ है कि ब्रह्मांड ज्ञान में स्थापित है और मेरा मानना है कि आज स्नातक होने वाले सभी छात्र भविष्य में ज्ञान के विस्तार में योगदान देंगे। ये सभी ब्रांड एंबेसडर होंगे और मातृ संस्था और मंगलायतन विश्वविद्यालय के झंडे को ऊंचा रखेंगे। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मंगलायतन विश्वविद्यालय को पहले चक्र में ही राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद द्वारा ए प्लस ग्रेड से मान्यता दी गई है। हमें इस उल्लेखनीय उपलब्धि को प्राप्त करने वाला क्षेत्र का पहला निजी विश्वविद्यालय होने पर गर्व है। ग्रेड विश्वविद्यालय के छात्रों और फैकल्टी की शैक्षणिक अखंडता और अनुसंधान गतिविधियों के उच्चतम मानकों का प्रमाण है।

न्यायसंगत समाज का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय ने सभी स्नातक पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अपनाया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अलीगढ़ जिला प्रशासन के माध्यम से विश्वविद्यालय के पांच संकाय सदस्यों को एनईपी-2020 लागू करने के लिए सम्मानित किया है। हम न केवल अपने विद्यार्थियों के सीखने के अनुभव को समृद्ध करते हैं बल्कि एक अधिक न्यायसंगत समाज का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं।
कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह का नेतृत्व
दीक्षांत समारोह में 1405 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई। जिनमें नौ को स्वर्ण पदक, 10 को रजत पदक प्रदान किए गए। 14 पीएचडी के विद्यार्थियों को भी डिग्री प्रदान की गई। मानवीय संकाय के डीन प्रो. जयंतीलाल जैन, डीन इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च प्रो. अब्दुल वदूद, फैक्लटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर डा. केपी सिंह, फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स के डीन प्रो. राजीव शर्मा, फैकल्टी ऑफ लॉ के एचओडी डा. हैदर अली, डीन रिसर्च प्रो. रविकांत ने डिग्री धारकों को प्रस्तुत किया। दीक्षांत समारोह का आयोजन कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह के नेतृत्व में किया गया। संचालन श्वेता भारद्वाज ने किया।
उल्लेखनीय उपस्थिति
इस अवसर पर ऊषा मार्टिन विवि की कुलपति प्रो. मधुलिका कौशिक, संस्था सदस्य मुकेश गोयल, एमएलसी ऋषिपाल सिंह, संयुक्त कुलसचिव प्रो. दिनेश शर्मा, सौरभ बजाज, विकास चड्डा, मुकेश कुमार जैन, प्रो. कुलदीप शर्मा, सीए अतुल गुप्ता, प्रशासनिक अधिकारी प्रो. गोपाल राजपूत सहित सभी विभागों के डीन, विभागाध्यक्ष व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
समारोह का हुआ लाइव प्रसारण
मंगलायतन विश्वविद्यालय के नौ वें दीक्षांत समारोह का लाइव प्रसारण विश्वविद्यालय के सोशल मीडिया पेज फेसबुक व यूट्यूब पर भी किया किया गया था। बड़ी संख्या में विद्यार्थियों व अन्य लोगों ने सोशल मीडिया पेज से जुड़कर घर बैठकर व अपने कार्यालयों में दीक्षांत समारोह को देखा।
इन्हें मिले स्वर्ण पदक
देवाशीष वाष्र्णेय
अंशिका मित्तल
सादफ जमील
मेघा वाष्र्णेय
महिमा बंसल
निधि आर्या
प्रिया सिंघल
अमन
पूजा बजोरिया
इन्हें मिले रजत पदक
गुंजन सिंह
संदेश रावत
जिम्मी अजहर
कीर्ति गौड़
लक्ष्मी चैधरी
जितेंद्र प्रताप सिंह
रश्मि सिंह
पारुल वाष्र्णेय
प्रदित्या
आयुषी गोयल
मेडल पाने वाले विद्यार्थियों के बोल...
आज मेरे जीवन का यह एक यादगार लम्हा है। गोल्ड मेडल मिलना बहुत सम्मान व हर्ष की बात है। मंविवि के प्राध्यापकों का मार्गदर्शन और सहयोग मिला। अमन
गोल्ड मेडल पाकर बहुत खुश हूं। शैक्षणिक दृष्टि से हमारा मंगलायतन विश्वविद्यालय बहुत अच्छा है। मन लगाकर मेहनत की जाए तो कोई भी मुकाम पाया जा सकता है। पूजा
मुझे रजत पदक मिला है और में खुश हूं। अपने साथियों को संदेश देना चाहुंगी कि वह मेहनत करें तो उन्हें गोल्ड मेडल मिलेगा। कीर्ती गोयल
विश्वविद्यालय से मेडल मिलना गौरव की बात है। यह एक यादगार पल है। इसका श्रेय मेरे प्राध्यापकों व माता-पिता को जाता है। जिम्मी अजहर
- शाहजहांपुर की जलालाबाद तहसील अब कहलाएगी परशुरामपुरी, जितिन प्रसाद ने गृह मंत्री का जताया अभार - August 20, 2025
- Made in India: Agatsa Launches EasyTouch+ – India’s First Smart, Prickless Glucose Meter, CDSCO Approved, Trusted by Over 6,000 Users - August 20, 2025
- रिश्तों की कड़वी हकीकत को प्रदर्शित करती फिल्म ‘दिल बेवफा’ का हुआ प्रीमियर - August 20, 2025