होम्योपैथी का लोकप्रिय केंद्र बन रहा है आगरा

बृज खंडेलवाल आगरा। आगरा होम्योपैथी उपचार के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित हो चुका है, जहां स्थानीय होम्योपैथ डॉक्टर्स को उनके अग्रणी प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिल रही है। एक प्रतिष्ठित जर्मन समूह ने हाल ही में नेमिनाथ होम्योपैथी मेडिकल कॊलेज और अस्पताल चलाने वाले डॉ. प्रदीप गुप्ता को सम्मानित किया। पिछले […]

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बांग्लादेश की धरती पर भारत के खिलाफ साजिशें

प्रियंका सौरभ बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के जुलाई में हुए तख्तापलट के बाद से ही भारत विरोधी लहर चल रही है। हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भी चरम पर है। भारत में आतंकी गतिवधियों को अंजाम देने के लिए कुल 20 से 22 टेरर कैंप खड़े किए गए हैं। ये सभी कैंप्स उन इलाकों में […]

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महिलाओं पर बढ़ता बोझ: परिवार नियोजन में पुरुषों की कम भागीदारी

प्रियंका सौरभ कई पुरुष इसे अपनी “मर्दानगी” पर आघात मानते हैं। वहीं, पारंपरिक धारणाएँ और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की कमी ने भी इस प्रक्रिया को अपनाने में रुकावटें खड़ी की हैं। पुरुष नसबंदी महिलाओं की तुलना में एक सरल और सुरक्षित प्रक्रिया है। इसे अपनाने से न केवल महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी […]

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खतरनाक होता बायोमेडिकल वेस्ट: लापरवाही पड़ रही है भारी

स्वास्थ्य सेवा गतिविधियों द्वारा उत्पन्न कुल अपशिष्ट में से लगभग 85% सामान्य, गैर-खतरनाक अपशिष्ट है। शेष 15% को खतरनाक सामग्री माना जाता है जो संक्रामक, विषाक्त, कैंसरकारी, ज्वलनशील, संक्षारक, प्रतिक्रियाशील, विस्फोटक या रेडियोधर्मी हो सकता है। हर साल दुनिया भर में अनुमानित 16 बिलियन इंजेक्शन लगाए जाते हैं, लेकिन सभी सुइयों और सिरिंजों का उचित […]

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धार्मिक स्थलों पर विवाद: सैकड़ों वर्षों की गुलामी के बाद आज सनातन संस्कृति का हो रहा पुनरुद्धार

प्रियंका सौरभ धार्मिक विवादों में न्यायिक फैसले अक्सर राजनीतिक लामबंदी के उपकरण बन जाते हैं, जो न्यायपालिका की तटस्थता बनाए रखने की क्षमता को चुनौती देते हैं। संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के साथ धार्मिक अधिकारों को संतुलित करना एक महत्त्वपूर्ण चुनौती है, खासकर जब निर्णयों को एक समुदाय के पक्ष में माना जाता है। विवादित […]

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वृंदावन में घटती हरियाली के बीच उम्मीद की एक किरण: विकसित हो रहा है एशिया का सबसे बड़ा सिटी फॉरेस्ट

बृज खंडेलवाल ब्रज भूमि, खास तौर पर गोवर्धन और वृंदावन में हरियाली की भयावह गिरावट एक दुखद विडंबना को दर्शाती है। कभी हरे-भरे जंगलों, मैंग्रोव, पवित्र तालाबों और यमुना के शांत घाटों की जीवंत तासीर वाला यह क्षेत्र अब तेजी से हो रहे शहरीकरण के खूंखार पकड़ का शिकार हो रहा है। कृष्ण की बांसुरी […]

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गैस त्रासदी दिवस: कानून का भय नहीं, लापरवाही का आलम है, आगरा के मोहल्लों, बस्तियों में बसा है भोपाल

बृज खंडेलवाल कुछ नहीं सीखा भोपाल गैस त्रासदी से हमने। हादसों और मानव निर्मित आपदाओं के कगार पर खड़ा है आगरा। भोपाल की दुखद विरासत का भूत हर दिन बड़ा हो रहा है, क्योंकि शहर का औद्योगिक परिदृश्य, सुरक्षा मानकों में ढिलाई और नियामक उदासीनता से पीड़ित है। अतीत के भयावह सबक के बावजूद, आगरा […]

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शोध, शिक्षण और ज्ञान के प्रयासों को मजबूत करेगा ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’

डॉ सत्यवान सौरभ भारत सरकार द्वारा स्वीकृत वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए 13, 000 से अधिक विद्वानों की पत्रिकाओं तक राष्ट्रव्यापी पहुँच प्रदान करना है। 2025-2027 के लिए ₹6, 000 करोड़ के बजट के साथ, यह देश भर में अनुसंधान और नवाचार को […]

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एशिया में चीन के सैन्य प्रभुत्व से उत्पन्न चुनौतियाँ

प्रियंका सौरभ भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देते हुए एशिया में चीन के सैन्य प्रभुत्व का जवाब कैसे दे सकता है। जैसे-जैसे वैश्विक शक्ति की गतिशीलता बदलती है, भारत जैसे देशों को क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए राजनयिक और रक्षात्मक उपायों में संलग्न रहना जारी […]

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धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हमारी सांस्कृतिक प्रथाओं के लिए मारकाट कब थमेगी?

डॉ सत्यवान सौरभ भारत में धार्मिक स्थलों पर चल रहे विवाद, विशेष रूप से ऐतिहासिक धर्मांतरण के दावों से जुड़े विवादों ने सांप्रदायिक संवेदनशीलता को बढ़ा दिया है। वाराणसी और मथुरा में इसी तरह के मामलों ने ऐसे उदाहरण स्थापित किए हैं जो धार्मिक स्थलों की यथास्थिति को खतरे में डालने वाले सर्वेक्षणों या कानूनी […]

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