हार्ट और अस्थमा के पीड़ितों को यूं तो समूचा योग ही बेहद फायदेमंद है लेकिन उज्जायी प्राणायाम विशेष लाभदायक माना गया है। इसके अभ्यास से छाती से लेकर दिमाग तक कंपन होता है, जिससे बॉडी के सभी पार्ट्स हेल्दी होने लगते हैं।
बढ़ते प्रदूषण और बदलते लाइफस्टाइल की वजह से आजकल अस्थमा और हृदय संबंधी रोग भी काफी बढ़ गए हैं। ऐसे में सही खान-पान और सही लाइफस्टाइल फॉलो करना बेहद ज़रूरी है लेकिन इसके साथ ही ज़रूरी है नियमित तौर पर योग और व्यायाम भी किया जाए।
हार्ट और अस्थमा पीड़ितों के लिए योग बेहद फायदेमंद है, खासकर उज्जायी प्राणायाम। इसके अभ्यास से छाती से लेकर दिमाग तक कंपन होता है, जिससे बॉडी के सभी पार्ट्स हेल्दी होने लगते हैं। हार्ट की ब्लॉकेज, अस्थमा, सांस फूलना और फेफड़ों की कमजोरी को दूर करने में उज्जायी प्राणायाम काफी मददगार है। थायरॉइड में भी यह काफी मददगार है। अगर गले में कफ जम जाए या सोते वक्त खर्राटे आते हैं, तो रोजाना उज्जायी प्राणायाम करें।
ऐसे करें उज्जायी प्राणायाम
कमर को सीधा कर आराम से बैठ जाएं। ध्यान को सांसों पर ले आएं और पूरा सांस बाहर निकाल दें। अब गले की मांशपेशियों को टाइट कर धीरे-धीरे नाक से सांस भरना शुरू करें। सांस भरते समय गले से सांस के घर्षण की आवाज करें। सांस भरते जाएं, आवाज होती जाए। इस प्रकार आवाज के साथ पूरा सांस भर लें। फिर कुछ देर सांस रोकें। इसके बाद सीधे हाथ की प्राणायाम मुद्रा बनाकर दायीं नासारंध्र को बंद कर बाईं नासारंध्र से धीरे-धीरे सांस बाहर निकाल दें। इसका 12-15 बार इसका अभ्यास कर लें।
-एजेंसियां
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