अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ब्रसेल्स में नेटो के शिखर सम्मेलन में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि नेटो में आज जितनी एकता है उतनी कभी पहले नहीं देखी गई, लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इसका अंदाज़ा नहीं था, उन्हें उम्मीद थी की नेटो सदस्य युद्ध पर बंट जाएंगे.
अमेरिका ने गुरुवार को नेटो शिखर सम्मेलन में 400 व्यक्तियों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया जिसमें 300 लोग ड्यूमा (रूसी संसद का निचला सदन) के सदस्य हैं, कुछ ओलिगार्क्स हैं और रक्षा से जुड़ी कुछ कंपनियां शामिल हैं.
अपनी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बाइडन ने कहा, यदि रूस रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करता है तो अमेरिका जवाब देगा, और ये जवाब इस्तेमाल किए गए हथियार की प्रकृति पर निर्भर करेगा.
बाइडन ने कहा कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को स्पष्ट कर दिया है कि अगर वे रूस की मदद करते हैं तो इससे अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ चीन के आर्थिक संबंध ‘अहम ख़तरे’ में होंगे.
जी-20 का ज़िक्र करते हुए बाइडन ने कहा कि ’मैं रूस को जी-20 से हटते हुए देखना चाहता हूं, लेकिन अगर यह संभव नहीं है, तो यूक्रेन को इसमें एक पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेना चाहिए.’
उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि ऐसे समय में पश्चिमी देशों को ‘एक साथ संगठित’ रहना ही चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘ रूस पर प्रतिबंध का बड़ा असर पड़े इसे सुनिश्चित करने के लिए कि हम लंबे वक्त तक इसे जारी रखेंगे. एक महीने के बाद भी हम जो आज कर रहे हैं उसे जारी रखेंगे. यही उन्हें (पुतिन को) रोकेगा. ’
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें एकजुट रहना है और दुनिया को इस बात पर ध्यान देना है कि वह (पुतिन) कितने क्रूर हैं.
-एजेंसियां
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