मां, मृत्यु, ठाँव और छाँव, छलांग, खारी नदी, संवेदना का पतझड़, बोलता अग्रोहा और कवि रमेश अधीर
डॉ. भानु प्रताप सिंह Live Story Time आगरा के कवि, लेखक, कथाकार, नाटककार, उपन्यासकार रमेश अधीर पिछले दिनों मेरे आवास पर आए और कई पुस्तकें भेंट कीं। इनमें मुख्य रूप से मां, मृत्यु, ठाँव और छाँव, छलांग, खारी नदी, संवेदना का पतझड़, बोलता अग्रोहा का उल्लेख करना चाहूँगा। एक से बढ़कर एक पुस्तकें हैं। बोलता … Continue reading मां, मृत्यु, ठाँव और छाँव, छलांग, खारी नदी, संवेदना का पतझड़, बोलता अग्रोहा और कवि रमेश अधीर
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