‘बंद मुट्ठी लाख की खुल गई तो खाक की’ कहावत कैसे बनी, पढ़िए रोचक कहानी

एक समय एक राज्य में राजा ने घोषणा की कि वह राज्य के मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए अमुक दिन जाएगा। इतना सुनते ही मंदिर के पुजारी ने मंदिर की रंग रोगन और सजावट करना शुरू कर दिया, क्योंकि राजा आने वाले थे। इस खर्चे के लिए उसने  ₹6000/- का कर्ज लिया । … Continue reading ‘बंद मुट्ठी लाख की खुल गई तो खाक की’ कहावत कैसे बनी, पढ़िए रोचक कहानी