आजकल कर्तव्य, फर्ज यानी उत्तरदायित्व की भावना न्यून और अधिकारों की भावना अधिकाधिक है। हम सबके जीवन में ऐसे क्षण आते हैं जब उत्तरदायित्व भाड़ में चला जाता है और निजी स्वार्थ सिर चढ़कर बोलने लगता है। उत्तरदायित्व निभाना हमारा दायित्व है, लेकिन इसे जीवन में धारण कैस करें, यह लाख टके का सवाल है। … Continue reading गाँधी जी का ताबीज लेकर चलते हैं IAS दुर्गा शंकर मिश्र, वे चार बातें जो उत्तरदायित्व निभाने की प्रेरणा देती हैं
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed