आज का अफगानिस्तान और ‘जाट अफलातून’ सूरजमल

 ‘‘इतिहास अपने को दोहराता है’’ ये बहुत पुरानी कहावत है। सदियों बाद भी जब घटनाओं की पुनरावृत्ति होती है तो केवल देश-काल तथा उसके पात्र भर बदलते हैं। मानवरचित त्रासदी, विभीषिका व हिंसा एक जैसी ही होती हैं। खौफ, डर, भय पैदाकर आक्रांता हमलावर स्त्री अपहरण, धन सम्पदा की लूटपाट को अपना हथियार बना सुपीरियरिटी … Continue reading आज का अफगानिस्तान और ‘जाट अफलातून’ सूरजमल